भाग १ — माँ सरस्वती वंदना
प्रकाशित: 27 जुलाई 2025
प्रथम खंड - मंगलाचरण
हिन्दी
कोटि कोटि प्रणाम,
श्री गणेश विनायकम।।
कोटि कोटि प्रणाम,
श्री सीता राम।।
कोटि कोटि प्रणाम,
श्री हनुमंत आपको,
कोटि कोटि प्रणाम
श्री गोस्वामी जी आपको
।। श्री रामायण गान ।।
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
शुरू करें, श्री रामायण गान
जिससे हो जगत कल्याण
प्रथम खंड आरम्भ करें
सबको हम प्रणाम करें
महादेव का गुणगान करें
जन्म रहस्य जान कर,
फिर, बाल लीला गान करें
प्रभु चरणों में ध्यान करें
फिर, विवाह उत्सव गान करें
विवाह उत्सव गान करें
बुद्धि दात्री माँ सरस्वती
जय हो, आपकी माँ भगवती
श्वेत कमल पे बैठी माँ
मंगल करने वाली माँ
आदि शक्ति का अंग हो माँ
उत्तम वीणा वाली माँ
त्रिदेव पूजें आपको माँ
वाणी की, स्वामिनी माँ
विद्या देने वाली माँ
मनुष्य से देव बनाती माँ
प्रसन्न मुझ पर होना माँ
आशीर्वाद, मैं चाहूँ माँ
ऐसी कृपया करना माँ
रचना उत्तम, ये होवे माँ
कृपा आपकी, जहाँ ना होती
रचना कोई, संपूर्ण ना होती
एक तार भी, छेड़ ना पावे
संगीत कोई, कैसे बनावे
ज्ञान अमृत की वर्षा करना
अज्ञान सारा दूर करना
रोम रोम में, मेरे बसना
हर अक्षर पे, साथ माँ देना
इंद्रियाँ भी, वश में रखना
श्री रामायण गान, आप ही रचना
माँ सरस्वती का हो जयगान
आपको बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम