श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

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भाग २श्री गणेश, भवानी और शंकर वंदना

प्रकाशित: 28 जुलाई 2025

प्रथम खंड - मंगलाचरण

हिन्दी

।। श्री गणेश वंदना ।।

विग्नहर्ता, बुद्धि के दाता

महाकाव्य जो, रचे विधाता

क्षण में कार्य, सिद्ध करें

विघ्न सारे, आप हरें

अमृतधारा प्रवाह करें, और

बुद्धि विवेक शुद्ध करें

देवों पे जब, संकट पड़े

गणपत उपासना, देव करें

गणराऊगजानन, ना देर करे

संकट देवों के, क्षण में हरे

आपकी भक्ति है, सुखदायी

कृपया आपकी, भक्तों पे होती

कोई ना विपदा, अंग संग होती

सदा सहाये आप रहें

शुद्ध बुद्धि का दान करें

आपका सिमरन, विघ्न भगाये

कृपा आपकी, विजय दिलाये

दया दृष्टि कीजे प्रभु

विघ्नों का नाश, कीजे प्रभु

रचना में रहिए, सदा सहाये

हर अक्षर में, आप समाये

गणेश जी का हो जयगाण

आपके चरणों में प्रणाम

बारम्बार प्रणाम

बारम्बार प्रणाम

।। भवानी शंकर वंदना।।

वंदना करूँ, भवानी शंकर की

कृपा आपने, सदा ही की

भक्ति की आपने, शक्ति दी

भक्त की रक्षा, करें प्रभु

मार्ग दर्शन करें प्रभु

मात पिता के, साथ प्रभु

आपको गुरु है, माना प्रभु

माँ भवानी, संग प्रभु

हृदय में वास, करें प्रभु

देव दानव मनुष्य, प्रभु

सभी आपको भजें प्रभु

आपकी हो, सदा जयकार,

कृपा आपकी अपरम्पार

कृपा आपकी पा, के प्रभु

पतित भी पावन, होय प्रभु

ज्ञान के आप, समुद्र प्रभु

सर्वत्र विराजें, आप प्रभु

भवानी शंकर का, हो जयगान

आपके चरणों में, बारम्बार प्रणाम

बारम्बार प्रणाम

बारम्बार प्रणाम