भाग १० — भक्त जयघोष
प्रकाशित: 29 जुलाई 2025
प्रथम खंड
हिन्दी
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
भक्त अधीन प्रभु हो जाते
प्रेम पुकार पे दौड़े आते।
धन्य हैं वे, भक्तन भाव
निष्काम, निर्मल, राम अनुराग।
सिद्धि वैभव वे ना चाहें
हृदय से केवल, राम ध्यावें
निस्वार्थ प्रेम ऐसा झलकावें
अंग संग सदा, प्रभु को पावें
उन भक्तन को, वंदन करूँ
चरणों में, कोटि प्रणाम करूँ
कोटि प्रणाम करूँ
निस्वार्थ भक्ति से वश हो जाते,
प्रभु भी भक्त अधीन कहाते।
जिनके मन हो प्रेम अपार,
प्रभु देते उनको सब अधिकार।
भक्त जहाँ चरण धरते,
प्रभु पहले हाथ वहाँ रखते
इतना प्रेम प्रभु जतलाते,
प्रेमी पथ स्वयं सजाते।
उन भक्तन को, वंदन करूँ
चरणों में, कोटि प्रणाम करूँ
कोटि प्रणाम करूँ
उन भक्तन की जय बुलाऊँ
जय हो, श्री हनुमान जी, जय जय
जय हो, भरत जी, जय जय
जय हो, लक्ष्मण जी, जय जय
जय हो, माई शबरी, जय जय
जय हो, विभीषण जी, जय जय
जय हो, जटायु जी, जय जय
जय हो, निषादराज गुह जी, जय जय
जय हो, केवट जी, जय जय
जय हो, देवर्षि नारद, जय जय
जय हो, ऋषि वाल्मीकि, जय जय
जय हो, ऋषि अत्रि, जय जय
जय हो, माई अनुसूया, जय जय
जय हो, ऋषि अगस्त्य, जय जय
जय हो, श्री तुलसीदास, जय जय
जय हो, श्री रघुनाथ दास, जय जय
जय हो, समर्थ रामदास जी, जय जय
जय हो, कबीरदास जी, जय जय
जय हो, संत पीपा जी, जय जय
जय हो, संत धन्ना जाट, जय जय
जय हो, रघुनंदन ठाकुर जी, जय जय
जय हो, संत रविदास जी, जय जय
जय हो, प्रह्लाद जी, जय जय
जय हो, ध्रुव जी, जय जय
जय हो, राजा अम्बरीष जी, जय जय
जय हो, गजेन्द्र, जय जय
जय हो, राजा रुक्मांगद जी, जय जय
जय हो, ऋषि भृगु, जय जय
जय हो, पृथु महाराज, जय जय
जय हो, ऋषि कर्दम, जय जय
जय हो, श्री रामानुजाचार्य, जय जय
जय हो, श्री मध्वाचार्य, जय जय
जय हो, श्री नम्मालवार, जय जय
जय हो, श्री पेरियालवार, जय जय
जय हो, आंडाल जी, जय जय
जय हो, तुकाराम जी, जय जय
जय हो, नामदेव जी, जय जय
जय हो, संत एकनाथ जी, जय जय
जय हो, चोखामेळा जी, जय जय
जय हो, सूरदास जी, जय जय
जय हो, बाई मीरा, जय जय
जय हो, द्रौपदी जी, जय जय
जय हो, विधुर जी, जय जय
जय हो, नामदेव जी, जय जय
जय हो, तुकाराम जी, जय जय
जय हो, अक्रूर जी, जय जय
बोलो, सब भक्तन की, जय
जय जय
जय जय
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम