श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

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भाग ९संत वंदना

प्रकाशित: 29 जुलाई 2025

प्रथम खंड

हिन्दी

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम


प्रभु भक्ति में, लीन जो रहते,

हरि नाम सुनते, हरि नाम कहते,

जनकल्याण की, भावना रखते,

द्वेष ना मोह, किसी से रखते,


जिनकी सेवा ही, जीवन धन

उनके चरणों में, मेरा नमन

बारम्बार नमन


मानव तन, बहुमूल्य रतन,

उनमें संतन, अनमोल रतन,

प्रभु गुण गावत, संग निर्मल मन,

हरि गुणों में, रंगा जिनका मन


जिनकी सेवा ही, जीवन धन

उनके चरणों में, मेरा नमन

बारम्बार नमन


दुर्लभ दर्शन, दुर्लभ बेला,

जहाँ होवे, संतों का मेला

ऐसे अवसर, ना बिसराना

श्रीराम कृपा जहाँ, हरि गुण गाना।


संत चरण रज, माथे लगाना

दिव्य कृपा का, अनुभव पाना

चरणों में सीस, बारम्बार झुकाना

पावन चरणों में, चित लगाना


जिनकी सेवा ही, जीवन धन

उनके चरणों में, मेरा नमन

बारम्बार नमन


संत करें तीर्थ भ्रमण,

उनके पग चिन्ह पावन धन।

हरि भी करें जिनका सम्मान,

उनकी रज से हो कल्याण।


ग़ैरों का भी, दुख हर लेते

तप बल से, सब सह लेते

दूसरे का दुख, अपने तन सहते

हर क्षण प्रभु गुणों में, मगन रहते


ऐसा संत समाज महान,

सर्वदा करें जग कल्याण।

उनको मेरा बारम्बार प्रणाम,

कोटि कोटि वंदन, कोटि कोटि प्रणाम।


जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम