भाग ८ — रचना
प्रकाशित: 28 जुलाई 2025
प्रथम खंड - मंगलाचरण
हिन्दी
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
मो सम अधम, कामी ना कोई
गुरु कृपा जो, अपार हुई
जड़, चेतन, कण कण में
मेरे प्रभू, विराजमान देखूँ सोई
काबिल ना, कछु लेखन में
श्री रामायण गान, रचना,
गुरु कृपा से, प्रारम्भ होई
यश, अपयश, मान, सम्मान, तिरस्कार,
महत्व ना रखें कोई,
जो श्री राम रचा,
सृष्टि में, सोई सोई, होई
गुरु कृपा,
गुरु प्रदत, नाम जप
श्री रामचरितमानस, निरंतर श्रवण,
शास्त्र स्वाध्याय, होई
तभी, श्री रामायण गान, रचना
प्रभु इच्छा से, आरम्भ होई
निज अंतः करण, शुद्धि हेतु
श्री रामायण गान, रचना
पंकज हाथों शुरू होई
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
श्रीरामायणगान - मंगलाचरणसमाप्त: