श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

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भाग ७श्री राम वंदना

प्रकाशित: 28 जुलाई 2025

प्रथम खंड - मंगलाचरण

हिन्दी

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम


करूँ वंदना, श्री राम की

आनंद सिंधु, पावन सुखधाम की


जीव चराचर, जिनमें संसारा

भक्तन हित, लिए अवतारा

अवधपुरी व्ह, नगरी सुहानी

प्रकटे प्रभू, हेतु धर्म निभानी


धर्म शास्त्र, ये दे प्रमाण

श्री सीता राम, है एक समान

श्री सीता राम, एक तत्व ओ

लीला हेतु, प्रकटाये रूप दो


इन दोनों में, भेद ना करना

पाप के ना, भागी बनना


कैसे कहूँ, महिमा अपार

मूड बुद्धि मेरी, नहीं अधिकार

वेद भी जिनका, पार ना पावें

जो हरि और, श्री राम कहावे


उनकी महिमा, है महान

अनंत गुणों की, हैं ख़ान


क्षण में जिन्होंने, सृष्टि बनाई

वन में विचरत, संग भाई

पिता आज्ञा, रखने खातिर

ख़ुद की सारी, सुविधा भुलाई


कोटि सूर्य सम, तेज अपार

कोटि दुर्गा जैसी, शक्ति अपार

कोटि माताओं जैसी, ममता अपार

ऐसे हैं, हमारे प्रभू, श्री राम


मैं तो उनकी, जय बुलाऊँ

लीला गुणगान, सुनता जाऊँ

नाम सुमिरन, करता जाऊँ

चरणों में, शीश झुकाऊँ


जय जय श्री राम

जय जय श्री राम

जय जय श्री राम


श्री राम का हो जयगान

उनके चरणों में प्रणाम

बारम्बार प्रणाम

बारम्बार प्रणाम


जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम