भाग ६ — श्री सीता माँ स्तुति
प्रकाशित: 28 जुलाई 2025
प्रथम खंड - मंगलाचरण
हिन्दी
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय माँ
जय जय माँ
आपकी जय हो माँ
जय हो माँ
आदि शक्ति हो, माँ भगवती
उत्पत्ति, पालन, विध्वंस
आप ही करती
कैसे आपकी स्तुति, करूँ
महिमा शब्दों में, कैसे करूँ
माँ स्वरूप जो, आपका पूजे
विशेष कृपा का, हकदार बने
ममता की मूरत, आप
बच्चों की रक्षा, करती आप
माँ मेरी बड़ी, कृपालु है
माँ मेरी बड़ी, दयालु है
भूल-चूक या, अश्रद्धा से,
लोभ या, स्वार्थ से,
पुकारे कैसे भी, भाव से
भर ले वो झोली, कृपा से
पावन भाव की, बात ही क्या
विशुद्ध भक्त की, बात ही क्या
उसके कल्याण की, बात ही क्या
जो कृपा उसपे होती,
उसकी बात ही क्या
जय, आदि शक्ति, माँ
जय भवानी, माँ
जय भगवती, माँ
जय जगदंबा, माँ
जय काली, माँ
जय दुर्गा, माँ
मधु-कैटभ मारे, जय माँ
महिषासुर मारा, जय माँ
धूम्रलोचन मारा, जय माँ
चंड मुंड मारे, जय माँ
रक्त बीज मारे, जय माँ
निशुंभ मारा, जय माँ
शुंभ मारा, जय माँ
सब देव पूजें, जय माँ
जय जय माँ
जय जय माँ
जय जय हो श्री सीता, माँ
जय जय हो श्री सीता, माँ
जय जय हो श्री सीता, माँ
श्री राम की प्यारी, श्री सीता माँ
मेरी, माँ
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
श्री सीता माँ का हो जयगान,
आपके चरणों में प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम