भाग ११ — गौ माँ वंदना
प्रकाशित: 29 जुलाई 2025
प्रथम खंड
हिन्दी
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
रिद्धि-सिद्धि की दायिनी माँ
नव निधियाँ भी देती माँ
तेतीस कोटि देव शक्ति सहित
आपमें निवास करें माँ
आपकी सेवा बड़ी सुखदायी
यश कीर्ति धनदायीनी
आपकी सेवा माँ सुखदायी
श्री कृष्ण को लगती, बड़ी प्यारी
चौदह रत्न समुद्र, से आए माँ
उनमें से एक, आप हो माँ
हे कामधेनु माँ
गौ विस्तार आपसे, हुआ है माँ
आपकी जय हो माँ
आपकी जय हो माँ
यज्ञ स्थान तभी शुद्ध होता
गौ गोबर लेपन जब वहाँ होता
वेद भी करते गौ माँ गुणगान
सतयुग से कलयुग तक,
भक्तों संग, श्री राम भी पूजें माँ
जय गौ माँ, आपकी जय हो माँ
दुग्ध, दही, माखन आपसे आता
सभी तीर्थों का फल,
गो सेवा से मिल जाता
तभी संसार गौ माँ, के गुण गाता
जय जय, कामधेनु माँ
जय जय, नंदिनी माँ
जय जय, सुरभि माँ
जय जय, शबला माँ
जय जय, अमृता माँ
जय जय, अनुपमा माँ
जय जय, सत्यवती माँ
जय जय, कपिला माँ
जय जय, भद्रा माँ
जय जय, गौरी माँ
जय जय, धेनु माँ
जय जय, गोवृन्दा माँ
जय जय, गोपवती माँ
जय जय, सुमंगला माँ
जय जय, विश्वधेनु माँ
जय जय, अभयधेनु माँ
जय जय, तीर्थफलप्रदा माँ
बोलो, गौमाता की, जय
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम