श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

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भाग १५कवि वंदना

प्रकाशित: 29 जुलाई 2025

प्रथम खंड

हिन्दी

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम


भूत, भविष्य, वर्तमान

जिनके लेखन में, श्री राम

उन कवियों को, प्रणाम करूँ

श्रद्धा से वंदन करूँ, नमन करूँ


रस-हीन कोई रचना होवे

राम नाम से माधुर्य होवे

अमृत-सम वाणी कोई होवे

राम नाम बिन शोभा खोवे

प्रकाश बिना उजियारा ना होवे।

नींव बिना भवन, खड़ा ना होवे।

बीज बिना, अंकुर ना होवे।

राम नाम बिना, रचना, सार्थक ना होवे।

सार्थक ना होवे

सार्थक ना होवे

धन्य वो कवि, जो राम पढ़ावें,

शब्दों में, श्रीराम बसावे।

जिनकी कविता, भक्ति जगावे,

चरणों में पंकज, शीश नवावे।

राम नाम में लीन जो रहवैं

नयन मूंद हरि भाव ही कहवैं

ऐसे भक्तन की महिमा गाऊँ।

कोटि बार चरणों में सीस नवाऊँ।

सीस नवाऊँ

सीस नवाऊँ

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम