श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

विषय सूची

भाग १७जीव चराचर वंदना

प्रकाशित: 29 जुलाई 2025

प्रथम खंड

हिन्दी

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम


जड़ चेतन जीव चराचर,

सृष्टि में जो वास करें

देव, दानव, मनुष्य, प्रेत,

पितृ, किन्नर, यक्ष, गंधर्व,

जो जहाँ पे वास करें


मेरा प्रणाम स्वीकार करें

वर्षा कृपा की मुझ पे करें


एक भी ऐसा अनु नहीं

जहाँ प्रभु, विद्यमान नहीं


भक्त, अभक्त, साधक, योगी,

भ्रमित जन, अज्ञानी, भोगी।


संत, असंत, नर्तक, ज्ञानी,

प्रभु रहते छोटे-बड़े में,

एक समानी।


स्वयं को मैं, शून्य जानूँ

सबको प्रणाम कर, वंदनीय मानूँ


वन्दनीय मान सबको नमन करूँ

बारम्बार नमन करूँ

बारम्बार नमन करूँ


जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम