श्री रामायण गान

सरल हिंदी भाषा में श्रीरामायण की अद्वितीय प्रस्तुति

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भाग ४गुरु वंदना

प्रकाशित: 28 जुलाई 2025

प्रथम खंड - मंगलाचरण

हिन्दी

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

गुरुदेव को, वंदन करूँ

वचनों को, कोटि प्रणाम करूँ

अमृत से भी, मूल्यवान

दिव्य कृपा का, हैं प्रमाण

सानिध्य देकर, कृपा करें,

पाप पुण्य को, नष्ट करें

प्रभु नाम का, अमृत देके

परम तत्व से, जोड़ देवें

उनकी वाणी, मति शुद्ध करे

निर्मल अंतः करण, करे

काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर

गुरुवाणी से, दोष टलें

सूर्य समान, तेज अपार

अंधकार ना, टिके अपार

निकट ना आवें, राग विकार

गुरुदेव का, अध्बुत प्रभाव

महापापी जो, शरण में आये

पावन बन कर, धर्म निभाये

उनकी कृपा अपार, विशाल

उजड़े जीवन, दे संवार

राधा नाम में, लीन रहते

कृष्णमयी आभा, में रहते

हृदय में ब्रह्म, समान विराजें

जीवन पथ पर, मेरे साजें

ऐसे गुरुदेव को, नमन करूँ

श्रद्धा के पुष्प, अर्पण करूँ

श्री प्रेमानंद के, चरणों में

शत-शत वंदन, मैं करूँ

गुरुदेव का हो जयगान,

उनके चरणों में बारम्बार प्रणाम।

बारम्बार प्रणाम,

बारम्बार प्रणाम,

बारम्बार प्रणाम।

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम

जय जय श्री सीता राम